कुशीनगर। गर्मी बढ़ने के साथ शहर से लेकर देहात तक बिजली कटौती बढ़ गई है। बार-बार फाल्ट के चलते भी बिजली कट रही है। इससे व्यवसायी और आम उपभोक्ता परेशान हैं। सीबीएसई और आईसीएसई परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।जिले में 32 विद्युत उपकेंद्रों से बिजली आपूर्ति की जाती है। जर्जर तार लोड व हवा के झोंके में टूट जाते हैं। कई बार इनमें स्पार्किंग के कारण आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं। इन दिनों तेज हवा, आग लगने, बिजली उत्पादन की कमी और ओवरलोड के कारण भी कटौती बढ़ गई है। शहरी क्षेत्र में 24 और ग्रामीण क्षेत्र में 16 से 17 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का दावा किया जाता है, लेकिन ये दावे खोखले साबित हो रहे हैं। शहरी क्षेत्र में 18 से 20 तो ग्रामीण क्षेत्र में 12 से 15 घंटे ही बिजली मिल रही है।अघोषित कटौती और लोकल फाल्ट के साथ लो वोल्टेज की समस्या भी पैदा हो गई है। बताया जा रहा है कि कम वोल्टेज मिलने से 33 और 11 केवी के तार ओवरलोड होने से खुद टूट कर गिर रहे हैं। करंट कम मिलने से घरों में 220 वोल्ट की जगह 190 या 200 वोल्ट तक ही बिजली पहुंच रही है।फाजिलनगर व गुरवलिया उपकेंद्र के 33 केवी के तार लोड अधिक होने और पेड़ गिरने से गोंड टोला, श्रीरामपट्टी आदि जगहों पर टूट गए। इससे इन दोनों उपकेंद्र की आपूर्ति दिन में ठप रही।
खामी छिपाने के लिए काट दी जाती है बिजली 132/33 केवीए विद्युत उपकेंद्र बरवा राजापाकड़ से जिले के 33/11 केवीए के आठ उपकेंद्रों को की जाने वाली आपूर्ति कई दिनों से चरमरा गई है। दिन और रात में छोटे-बड़े फाल्ट होने व लो वोल्टेज के कारण चार दिनों से राजापाकड़ में अनुरक्षण कार्य के लिए बिजली काट दी जा रही है। इसमें गुरवलिया, दुदही, तमकुहीरोड, तमकुहीराज, तरयासुजान, कुबेरस्थान, जरार, पटहेरवा आदि उपकेंद्रों से जुड़ी आबादी प्रभावित हो रही है।शासन से ये हैं निर्देश बीते कई दिनों से गर्मी चरम पर है। इससे बिजली की मांग भी बढ़ गई है। अचानक खपत बढ़ने से विद्युत निगम ने कटौती शुरू कर दी है। जबकि शासन ने स्पष्ट तौर पर गांव को साढ़े सत्रह घंटे व जिला मुख्यालय को 24 घंटे बिजली सप्लाई देने के निर्देश दे रखे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत निगम को साढ़े 17 घंटे बिजली की आपूर्ति करनी है, लेकिन कम आपूर्ति की जा रही है।ग्रामीण क्षेत्र में बिजली कटौती से लोग परेशान हैं।
दिन में तो किसी तरह गुजारा हो जाता है, लेकिन बिना बिजली के रात काटनी मुश्किल हो जाती है।
ज्ञानप्रकाश पांडेय, लवकुश पश्चिम पट्टी ।
विद्युत निगम से भरोसा उठ गया है। खेतों से गुजरे तार-पोल जर्जर हो गए हैं। तार टूटकर गिरने और स्पार्किंग की वजह से हर वर्ष गेहूं की फसल जलकर नष्ट हो जाती है।
मनोज गोंड, पूर्व प्रधान, बिंदवलिया ।
विद्युत निगम के अधिकारियों की लापरवाही से उपभोक्ता परेशान हैं। शिकायत भी नहीं सुनते हैं। फोन करने पर भी अधीक्षण अभियंता फोन नहीं उठाते हैं।अनिल श्रीवास्तव, त्रिलोकपुर ।
पडरौना कस्बे के छावनी मोहल्ले में बिजली की सबसे बड़ी समस्या है। यहां जर्जर तार में आए दिन फाल्ट के कारण बिजली कटौती होती रहती है। शिकायत करने पर अधिकारी ध्यान नहीं देते हैं।
राजकुमार श्रीवास्तव, लाला टोलाकोट ।
शहरी क्षेत्र में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है। दिन रविद्रनगर और विशुनपुरा में मरम्मत का कार्य होने से बिजली काटी गई थी। मई तक कुबेरस्थान मोड़ पर नया ट्रांसफार्मर लग जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में आपातकालीन रोस्टिंग के कारण बिजली की आपूर्ति कम की जा रही है। प्रवीण चौबे, एक्सईएन विद्युत निगम, पडरौना
शेडयूल से कम हो रही बिजली आपूर्ति ।कसया। गर्मी बढ़ते ही शहर से लेकर देहात क्षेत्र तक बिजली की अघोषित कटौती बढ़ गई है। जबकि सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा शुरू होने वाली हैं। विश्वविद्यालय की परीक्षा चल रही है। विद्युत वितरण मंडल कुशीनगर के अधीक्षण अभियंता राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि तेज पछुआ हवा के चलते बिजली आपूर्ति करने में परेशानी हो रही है। इसमें बिजली आपूर्ति होने पर खतरे का अंदेशा बना रहता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि खपत और आपूर्ति में अंतर है। इसके चलते दिक्कत हो रही है।
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