Reported By: न्यूज अड्डा कसया
Published on: May 11, 2022 | 10:35 AM
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कुशीनगर। कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन गैस को लेकर मची मारामारी और जान की हुई क्षति के बाद राज्य सरकार ने प्रत्येक जिले में सभी सीएचसी व जिला चिकित्सालय को ऑक्सीजन प्लांट से लैस करने का निर्णय लिया था। कोविड काल में जिले में सात ऑक्सीजन प्लांट संचालित कराया गये, मगर इनको संचालित करने के लिये मात्र जिला अस्पताल में ही एक टेक्निशयन है,संचालन व रखरखान के लिये सभी प्लांट पर टेक्नीशियन का रखना जरूरी हैं परंतु 6 आक्सीजन प्लांट पर इलेक्ट्रिक कारीगरों को ट्रेंड कर अस्थाई रूप से काम चलाया जा रहा है।टेक्निशियन की नियुक्ति व रख रखाव के लिये कोई बजट आवंटित नहीं है।
कोरोनो को काबू करने के लिये जनप्रतिनिधियों,चीनी मिलों,नपा,स्वयं सेवी संस्था व बैंकों के सहयोग से कुशीनगर में सात ऑक्सीजन प्लांट संचालित हैं। दो पाइप लाइन में हैं।मगर इन सभी को संचालित करने के लिये सिर्फ जिला अस्पताल पर एक टेक्निशियन की तैनाती है,जिला अस्पताल में चार ऑक्सीजन प्लांट स्थापित है,इसमें से तीन चालू हालत में हैं।
इसी प्रकार से सीएचसी सपहा, सेवरही,खड्डा में ऑक्सीजन प्लांट संचालित हैं।जबकि छितौनी व पडरौना मे पुरूष एवं नेत्र चिकित्सालय में ऑक्सीजन प्लांट पाइप लाइन में है। शुरू में सीएचसी व पीएचसी पर स्थापित ऑक्सीजन प्लांटों की देख रेख के लिए स्थानीय इलेक्ट्रीशियन को ट्रेंड कर काम शुरू कराया गया,जबकि यहां भी टेक्नीशियनों की तैनाती होनी थी,स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जरूरत पर टेंड इलेक्ट्रीशियन से पीएचसी व सीएचसी पर काम चला लिया जाता है,अभी तक कोई आपातकालीन स्थिति नहीं आयी है। जिले में एक ऑक्सीजन टेक्निशियन की तैनाती वर्ष 2021 से है।लोकल स्तर पर इलेक्ट्रिशियन को प्रशिक्षण देकर काम चलाया जा रहा है।टेक्निशियन की नियुक्ति व रख रखाव के लिये कोई बजट आवंटित नहीं है,लोकल व्यवस्था से बेहतर सुविधाएं देने की कोशिश की जा रही है।
Topics: पड़रौना