Reported By: Farendra Pandey
Published on: Oct 1, 2021 | 4:47 PM
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कुशीनगर (न्यूज अड्डा)। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार के द्वारा 29वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के आयोजन के सन्दर्भ में जिले के इण्टर कालेजों विज्ञान विषय के अध्यापकों की ऑनलाइन कार्यशाला जिविनि कुशीनगर मनमोहन शर्मा के अध्यक्षता में आयोजित हुई। जिसमें जनपद के विज्ञान विषय से जुडे हुए अध्यापकों ने प्रतिभाग किया। 29वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस 2021 के आयोजन के सन्दर्भ में जिला सह समन्वयक विभा मिश्रा ने बताया की इस वर्ष का थीम सतत जीवन के लिए विज्ञान निर्धारित किया गया है जिससे सम्बन्धित प्रोजेक्ट अपने विज्ञान अध्यापकों के निर्देशन में विद्यार्थी तैयार करेंगे। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डा निरंजन लाल ने कहा कि विद्यार्थी स्थानीय समस्या को मूल में रखकर अपने प्रोजेक्ट को श्रेष्ठ बना सकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला विद्यालय निरीक्षक मनमोहन शर्मा ने कहा कि पारम्परिक ज्ञान प्रणाली एवं मूल्यों की मदद से सतत जीवन के लिए विज्ञान का मार्ग खोज सकतें हैं और जीवन को भौतिक सुख से पूर्ण कर सकतें हैं।हनुमान इण्टरमीडिएट कालेज के प्रधानाचार्य शैलेन्द्र शुक्ला ने कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहे सभी लोंगो का अभिनंदन करते हुए वैज्ञानिक सोच को शिरोधार्य करके अपने आचरण में उतारने की बात की।जेपी इण्टरमीडिएट कालेज के प्रवक्ता डा चन्दन कुमार गौड ने कहा कि वर्तमान विश्व के सामाजिक आर्थिक विकास की धुरी विज्ञान है और विज्ञान के विकास के मूल में विद्यार्थी हैं अतः विद्यार्थियों के अन्दर वैज्ञानिक अनुसंधान के विचार को उत्प्रेरित करके ही विश्व विकास के पथ पर अग्रसर हो सकता है।किसान इण्टर कालेज के प्रवक्ता यशवंत सिंह ने बाल वैज्ञानिक कैसे बने इस पर प्रकाश डाला।जिला समन्वयक शकुन्तला त्रिपाठी ने प्रोजेक्ट मुल्यांकन के पाँच बिन्दुओं पर चर्चा कर निष्पक्ष मूल्यांकन के महत्व को रेखांकित किया। बाल वैज्ञानिक अमूल्य तिवारी ने प्रोजेक्ट बनाने से सम्बन्धित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दी।कार्यक्रम का संचालन प्रधानाचार्य मुहम्मद तारीक ने की।कार्यक्रम में विज्ञान संचारक अनिल त्रिपाठी,संध्या चौरसिया,देवेन्द्र मणि,डा एस एन पाण्डेय, हरेन्द्र कुशवाहा सहित अनेक प्रधानाचार्य एवं विज्ञान प्रवक्ता ऑनलाइन उपस्थित थे।