Reported By: Chandra Prakash Tripathi
Published on: Sep 24, 2021 | 8:42 PM
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सुकरौली/कुशीनगर (न्यूज अड्डा) । विकास खण्ड सुकरौली में एक अजीबो गरीब मामला प्रकाश में आया है। जहां प्रधानी के कार्यकाल समाप्त होने पर बचे पैसे के उपयोग करने के जल्दबाजी में प्रधान और पंचयात सचिव के बीच में पंचायत भवन का निर्माण अधर में लटका हुआ है।
मामला ग्राम सभा चिलुआ का है।आठ महीने से बनने वाला पंचायत भवन अभी भी अधूरा ही है।जब कि इसका निर्माण कार्य किसके माध्यम से कराया जा रहा है। जिसकी जानकारी न तो पूर्व प्रधान को है,और न नहीं वर्तमान प्रधान को ।पूर्व ग्राम प्रधान रीता जो अनुसूचित जनजाति के कोटे से चुनी गई थी ।प्रधान पति ने ग्राम पंचायत अधिकारी व सहायक विकास अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे कार्यकाल में पांच सालो तक मेरे पत्नी से केवल दस्तखत और मोहर ही लगवाया गया है।ग्राम सभा में कौन-कौन से विकास कार्य हुए और कितना पैसा निकला मुझे कुछ भी पता नहीं है। मेरा कार्यकाल समाप्त होने पर मुझसे दस्तख़त और मोहर पहले ही करवा लिया गया। खाता में लगभग दस लाख रुपये थे। पंचायत भवन का निर्माण कौन करा रहा मुझे कुछ पता नहीं है। पंचायत भवन के निर्माण कार्य में देरी होने से गांव के लोगों में काफी आक्रोश है ।वर्तमान प्रधान प्रेमा देवी के पति ने निर्माणाधीन पंचायत भवन के गुणवत्ता पर उंगली उठाते हुए कहा कि निर्माण कार्य में काफी घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया है। इसका छत अभी से ही टपक रहा है। जिसमें मोरंग बालू का कम तथा सफेद बालू का ज्यादा उपयोग किया गया है। इसका छत कभी भी गिर सकता है और कोई अनहोनी घटना घट सकती है।
इस विषय पर जब सहायक विकास अधिकारी राम आशीष गौतम ने बताया कि पंचायत भवन का निर्माण ग्राम पंचायत सचिव और आरएस जेई के देख-रेख में कराया गया। बाइस लाख की परियोजना थी। जिसमें दस लाख की लागत से अभी कार्य हुआ है। अगर गुणवत्ता की कमी आएगी तो भुगतानव रोक दिया जाएगा वर्तमान प्रधान अभी कोई काम नहीं करा रहे हैं। जब काम शुरू कराएंगे तो सबसे पहले पंचायत भवन का अधूरा काम पूरा होगा ।जबकि वर्तमान प्रधान पति का कहना है कि पंचायत भवन काफी कमजोर है मेरे ऊपर पंचायत अधिकारी और सचिव का बनवाने के लिए बार -बार दबाव आ रहा है ।पंचायत भवन में काफी घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया है। सफेद बालू से इसका निर्माण हुआ है इसका छत अभी से टपकने लगा है।यदि कोई अनहोनी घटना होती हैं तो इसकी जिम्मेदारी किस पर होगी।
Topics: सरकारी योजना सुकरौली