Reported By: Surendra nath Dwivedi
Published on: Aug 30, 2021 | 9:16 PM
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कुशीनगर (न्यूज अड्डा)। आज ही के दिन कुछ 27 वर्ष पूर्व श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पर्व की शाम जिले के जाबांज पुलिसकर्मियों ने जंगल पार्टी के दुर्दांत डाकुओं से लोहा लेते हुए कटकुईया के पास पचरुखियाँ के करीब रौद्र रुप लिये नदी के उस पार
घंटों चली ताबड़तोड़ फायरिंग के मुकाबले में डाकुओं के दांत खट्टे करते आखिरी दम तक नाको चने चबाने के मजबूर करते हुए आखिरकार पानी के घेरे में इस कदर फंसे की बाद में उनके शव ही हाथ आये.।
कुशीनगर पुलिस की जांबाजों के शहादत की पुण्यतिथि पर इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व के दिन याद करते उनके शोर्य की गाथा को बखान करते पड़रौना कोतवाल अनुज कुमार सिंह ने कोतवाली के सभी पुलिस जन के साथ उनके चित्र पर नतमस्तक होते हुये श्रदांजलि अर्पित किये।
इस वर्ष भी कुशीनगर में जन्माष्टमी पर कोई सांस्कृतिक आयोजन नही हो रहा है।आज भी शहिदों की शहादत की पुण्यतिथि पर कोतवाली पडरौना में मुख्य गेट पर शहिदों की स्मृति में बने शहीद द्वार शिलापट्ट का पुनः जीर्णोद्धार करते हुए नये सिरे से शिलापट्ट स्थापित कर वीरतापूर्ण शोर्य की गाथा को पुलिसकर्मियों ने आज याद किया।
बतादें कि 39.08.1994 को पचरुखियाँ कांड में जनपद के तरयासुजान थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष उप.निरीक्षक स्व.अनिल पाण्डेय, कुबेरस्थान के उप निरीक्षक स्व.राजेंद्र यादव,आरक्षी स्व.नागेंद्र पाण्डेय, स्व.खेदन सिंह, स्व.विश्वनाथ यादव,स्व.परशुराम गुप्ता के मरणोपरांत स्मृति में दिनांक 26.01 1995 को पडरौना कोतवाली मुख्य गेट पर “शहीद द्वार” के नाम पर तत्कालीन पुलिस अधिक्षक कमल सक्सेना आईपीएस, क्षेत्राधिकारी जे.पी.सिंह पडरौना, विश्वनाथ सिंह नागर प्रभारी निरीक्षक पडरौना के हाथों स्थापित किया गया।
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