News Addaa WhatsApp Group link Banner

Mainpur Kot Devi Mandir/चैत्र नवरात्र में मैनपुर मन्दिर में उमड़ रहा आस्था का सैलाब

न्यूज अड्डा कसया

Reported By:
Published on: Apr 2, 2022 | 3:36 PM
1581 लोगों ने इस खबर को पढ़ा.

Mainpur Kot Devi Mandir/चैत्र नवरात्र में मैनपुर मन्दिर में उमड़ रहा आस्था का सैलाब
News Addaa WhatsApp Group Link
  • कोटेश्वरी देवी सबकी मुरादें पूर्ण करती हैं।
  • सुरक्षा में पुलिस प्रशासन भी मुस्तैदी से तैनात

कसया/कुशीनगर । जिले के देवी शक्ति पीठ स्थलों में मैनपुर कोट देवी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए भक्ति और आस्था का केंद्र है। यहां मां के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।मान्यता है कि श्रद्धा और भक्ति से मां की आराधना करने वाले भक्तों की झोली मां पुत्ररत्न व सुख-समृद्धि से भर देती हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की हर मुराद पूरी होती है।

आज की हॉट खबर- बड़ी नहर के किनारे मिले कार के पार्ट्स, गाड़ी और...

चैत्र नवरात्र के पहले दिन ही मैनपुर मन्दिर में श्रद्धालु पूजा अर्चना करने के लिए भारी संख्या में उमड़ पड़े व माथा टेक कर माता से आशीर्वाद मांगा,सुबह से ही जिले के विभिन्न कोने से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटने लगी। दिन के 12 बजते ही मेले में हजारों की भीड़ हो गयी। देर शाम तक भीड़ कम नहीं हुई। सुरक्षा में पुलिस प्रशासन भी मुस्तैदी से तैनात रहा जिसमे एसआई विवेक पांडेय,कॉन्स्टेबल वेदप्रकाश गोस्वामी,हेड कांस्टेबल नागेन्द्र सिंह मौजूद रहे। यहां बारहों महीने श्रद्धालुओं के आने-जाने का सिलसिला चलता रहता है। स्थानी लोगों में साथ बिहार और अन्य प्रांतों के श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र होने के नाते नवरात्रों में यहां श्रद्धालुओं का रेला लगा रहता है। इस सिद्ध स्थल का उल्लेख श्रीलंका के बौद्ध ग्रंथ दीपवंश में भी है।

मैनपुर कोट देवी स्थल पर पहुंचने के लिए कई मार्ग हैं, लेकिन उनमें कुछ सुगम भी हैं। मां का पवित्र मंदिर मैनपुर कोट कुशीनगर महापरिनिर्वाण मंदिर कुशीनगर से सिर्फ 10 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग 28 स्थित प्रेमवलिया से जाने वाले रास्ते पर बाड़ी नदी के किनारे है।यह स्थल आध्यात्मिक और पौराणिक रूप से महत्वपूर्ण है।

मां मैनपुर मंदिर के पुजारी मौनी बाबा ने बताया कि श्रीलंका के बौद्धग्रंथ दीपवंश में भी इस मंदिर का उल्लेख किया गया है,इनके अनुसार मैनपुर में कुशीनगर के मल्लों की राजधानी थी। देवी मल्ल राजाओं की उद्धारक थीं। पुजारी ने बताया कि यह मंदिर देवारण्य क्षेत्र में आता था। यहां पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान मंदिर के आस-पास स्थित बेंत की झाड़ी व जंगल में समय गुजारकर देवी की पूजा की थी। 20वीं शताब्दी में बंजारे अपनी कुल देवी मानकर पूजन-अर्चना करते थे। कोट स्थान योग-साधना स्थल के रूप में प्रसिद्ध ख्याति प्राप्त था।

पुजारी ने बताया कि पूर्व में मंदिर पर मां की पूजा-अर्चना करने वाले जीवनदास बाबा अपने योग-साधना के बल पर पेट के सभी अंगों को बाहर कर उसे स्वच्छ कर फिर समेट लेते थे। एक किंवदंति के मुताबिक मैनपुर क्षेत्र के एक राजपूत परिवार के 10 वर्षीय पुत्र के निधन पर शव को मंदिर में ही दफना कर देवी से मन्नत मांगी गई थी। मां के आशीर्वाद से फिर उस परिवार को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। अब भी जो भक्त सच्चे मन से मां के मंदिर पहुंचकर मत्था टेंकता है,उसकी मां हर मनोकामना पूरी करती हैं,यहां से कोई निराश नहीं लौटता हैं।

मल्लों की छावनी था मैनपुर कोट: ऐतिहासिक कुशीनारा (वर्तमान कुशीनगर) का वर्णन बौद्ध धर्मग्रंथ दीपवंश में भी मिलता है। वर्णन के मुताबिक कुशीनगर मल्लों की राजधानी थी। मल्लों ने मैनपुर को अपनी छावनी बनाया था। इसमे भगवान बुद्ध के निर्वाण स्थली के उल्लेख के साथ ही मैनपुर को छावनी के रूप में वर्णित किया गया है।

मल्लों की उद्धारक देवी थीं मां: दीपवंश यह बताता है कि मैनपुर कोट की देवी मल्लों की उद्धारक थीं। कोई आपदा हो या युद्ध में जाने का समय, पहले माता का पूजन-अर्चन होता था। इसके बाद ही निदान या युद्धघोष किया जाता था। माता के कृपा से ही मल्लों और उनके राज्य के लोगों के उद्धार होने का विश्वास था।

पांडवों ने बिताया था अज्ञातवास का कुछ समय: जनश्रुतियों के मुताबिक मैनपुर कोट का संबंध महाभारत काल से भी है। ऐसा कहा जाता है कि अज्ञातवास के समय पांडय यहां भी कुछ समय बिताए थे। उस समय यह क्षेत्र देवारण्य के रूप में विख्यात था।

बंजारों की कुल देवी थीं भगवती: बेतों के घने जंगल से घिरे इस क्षेत्र में आसपास बंजारों की आबादी थी। वे मैनपुर की भगवती को अपना कुल देवी मनाए थे। बंजारे यहां पूजन-अर्चन करते और माता का आशीष लेते थे। बीसवीं शताब्दी तक यहां बंजारों का निवास था। बंजारे इस देवी को कुलदेवी के रूप में पूजते रहे। आज भी आसपास मौजूद बेंत इसकी गवाही देते हैं।

Topics: अड्डा ब्रेकिंग

आपका वोट

View Result

कुशीनगर में खराब विद्युत व्यवस्था का कारण क्या है?
News Addaa Logo

© All Rights Reserved by News Addaa 2020

News Addaa Breaking