यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के एक बयान पर सियासी घमासान छिड़ गया है। रविवार 12 सितंबर को कुशीनगर में सीएम योगी ने एक जनसभा को संबोधित करते वक्त सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा. सीएम योगी ने कहा कि साल 2017 से पहले अब्बा जान कहने वाले राशन हजम कर जाते थे. इस बयान पर सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा दिख रहा है. लोग इसे एक समुदाय को टारगेट करने वाला बयान बता रहे हैं. आम लोगों के अलावा इस बयान के सामने आने के बाद से विपक्षी नेताओं ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.
योगी आदित्यनाथ कुशीनगर में एक सभा को संबोधित कर रहे थे. अपनी उपलब्धियां गिना रहे थे. इस दौरान उन्होंने अपने कार्यकाल में मिलने वाली सुविधाओं की तुलना पिछली सरकारों से करना शुरू किया. उन्होंने भीड़ से पूछा कि अब राशन मिलता है कि नहीं? क्या 2017 से पहले भी ऐसे ही मिलता था? उन्होंने कहा,
“पीएम मोदी के नेतृत्व में तुष्टिकरण की राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है. हर गरीब को शौचालय दिया गया. क्या शौचालय देने के लिए किसी का चेहरा देखा गया? अब राशन मिल रहा है न? क्या 2017 से पहले भी मिलता था? तब तो अब्बा जान कहने वाले राशन हजम कर जाते थे. तब कुशीनगर का राशन नेपाल और बांग्लादेश पहुंच जाता था. आज कोई गरीबों का राशन निगलेगा तो जेल जाएगा.”
बता दें कि ‘अब्बा जान’ शब्द का इस्तेमाल ज्यादातर मुस्लिम पिता को संबोधित करने के लिए करते हैं. योगी आदित्यनाथ ने पहले भी कई ऐसे ही बयान दिए हैं. सीएम योगी ने आगे कहा कि,
“पीएम मोदी ने सही मायने में देश के विकास और देश के राजनीतिक एजेंडे को बदला. देश की राजनीति 1947 में जाति, मजहब, क्षेत्र, भाषा, परिवार और वंश तक सीमित थी. गांव के लिए, गरीब के लिए, किसान के लिए, नौजवान के लिए, महिलाओं के लिए, बच्चों के लिए, बिना भेदभाव किए समाज के हर तबके तक विकास को पहुंचाया. इसका परिणाम हुआ कि हर तबके के लोगों को विकास समान रूप से मिल रहा है. लेकिन तुष्टिकरण किसी का नहीं. तुष्टिकरण की राजनीति जब तक देश के अंदर थी, तब विकास नहीं था. दंगे, भ्रष्टाचार, अराजतकता, आतंकवाद, अत्याचार, अन्याय था. लेकिन आज सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास है.”
पिछले महीने, सीएम योगी ने यूपी विधानसभा में कहा था कि कुछ लोगों ने तब टीका लगवाया है, जब उनके ‘अब्बा जान’ ने टीका लगवा लिया. उनकी यह टिप्पणी सपा नेता मुलायम सिंह यादव के टीका लगवाने के कुछ दिनों बाद अखिलेश के टीका लगवाने पर आई थी.
योगी के अब्बा जान वाले बयान को लेकर सोशल मीडिया पर तीखे कमेंट आ रहे हैं. कुछ लोग इसे सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने वाला बयान बता रहे हैं. कुछ नेताओं ने भी ट्वीट करके इसे गलत करार दिया. जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया,
“मैं हमेशा से जानता हूं कि बीजेपी के पास इलेक्शन लड़ने के लिए सांप्रदायिकता और मुसलमानों के लिए नफरत के अलावा कोई अजेंडा नहीं है. यहां एक सीएम खुद को दोबारा चुने जाने के लिए दावा कर रहा है कि जो राशन हिंदुओं के लिए था, उसे मुसलमान खा गए.”
I’ve always maintained the BJP has no intention of fighting any election with an agenda other than blatant communalism & hatred with all the venom directed towards Muslims. Here is a CM seeking re-election claiming that Muslims ate up all the rations meant for Hindus. https://t.co/zaYtK43vpd
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) September 12, 2021
“जो अब्बा जान कहते थे, वो गरीबों का सारा राशन हजम कर गए.’ भारत में एक चुना हुआ सीएम धार्मिक भावनाएं भड़का रहा है, ये आईपीसी की धारा 153ए का सीधा उल्लंघन है. क्या कोई इसका संज्ञान लेगा? सुप्रीम कोर्ट? यूपी पुलिस?”
“Those who used to say 'Abba Jaan' digested the ration for the poor."
An elected CM in India guilty of overtly communal incitement, flagrant violation of Section 153 A of IPCSuo Moto Cognizance anyone? Supreme Court? @Uppolice
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) September 12, 2021
“हमारी सरकार चाहती है: एक समावेशी अफगानिस्तान. लेकिन ‘अब्बा जान’ के बयान से योगी चाहते हैं: एक समावेशी यूपी या बांटो और राज करो?”
Our Government wants :
An inclusive Afghanistan
With his “ abba jaan “ remark
What does Yogiji want :An inclusive UP
Or
Divide and rule ?— Kapil Sibal (@KapilSibal) September 13, 2021
योगी के विवादित बयान पर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने पलटवार किया है। गौरव वल्लभ ने कहा कि कोरोना के दौरान हमने देखा है कि कैसे मां गंगा में लोगों की लाशें बहती दिखीं और कोई सुध लेने वाला नहीं था। उन्होंने कहा कि योगी ने 2017 के पहले की बात कही लेकिन 200 साल पहले भी ऐसा कभी नहीं हुआ कि गंगा में सैंकड़ों लाशें बहती दिख रहीं थी। योगी साहब आप कौन से जान हैं? आपके कौन से अब्बाजान हैं और कौन से भाईजान हैं? उन्होंने आगे कहा कि यह पूरे देश को पता है। पीएम ने उन्हें हटाने की कोशिश की, लेकिन संघ की वजह से हटा नहीं पाए। जिस सरकार में हाथरस जैसी घटना हो जाए, सरकार को एक क्षण भी शासन में रहने का हक नहीं है।
वहीं सपा के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि साढ़े चार साल में यूपी में सिर्फ घोटाले ही हुए हैं। योगी अपने साढ़े चार साल का काम नहीं गिना पा रहे हैं तो जनता का ध्यान भटकाने के लिए इधर-उधर की बातें कर रहे हैं। चुनाव में इसबार भाजपा को झटका लगने वाली है।
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