Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Nov 5, 2020 | 10:31 AM
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उत्तर प्रदेश में योगी सरकार एनजीटी के दिशा निर्देशों के तहत पटाखों को लेकर नई गाइडलाइन तैयार करने में जुटी है। शासन से जुड़े सूत्रों की माने तो सरकार ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों के इस्तेमाल पर रोक लगा सकती है। इस बीच डीजीपी एचसी अवस्थी ने भी पटाखों की अवैध बिक्री रोकने तथा सुरक्षित स्थानों पर ही इसकी बिक्री की अनुमति देने का निर्देश दिया है।
कोविड-19 के प्रकोप के बीच प्रदूषण के कारण होने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को देखते हुए शासन स्तर पर गंभीर विचार-विमर्श चल रहा है। इसमें पटाखों के अंधाधुंध प्रयोग की स्थिति में होने वाली दिक्कतों पर खास चर्चा की गई है। इसके साथ ही एनजीटी के दिशा-निर्देशों पर भी मंथन किया गया है। एनजीटी के निर्देशों के आधार पर प्रयोग किए जाने वाले पटाखों की श्रेणी तय की जा सकती है। इसमें ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों का प्रयोग रोकने की तैयारी है। तेज आवाज वाले पटाखों के बारे में पहले से गाइड-लाइन बनी हुई है।
पटाखों के बारे में जारी सर्कुलर में डीजीपी ने कहा है कि राजस्व आसूचना निदेशालय नई दिल्ली के निर्देशानुसार वैध लाइसेंस धारकों को ही आतिशबाजी सामग्री विदेशों से आयात करने की अनुमति है। इस तरह बिना लाइसेंस के अवैध आयात को रोका जाएगा।
सभी आतिशबाजी कम्पनियों को विस्फोटक अधिनियम 2008 के नियम 84 के तहत अधिकृत किया जाएगा। अवैध रूप से संचालित आतिशबाजी निर्माताओं के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। डीएम की तरफ से जारी अस्थायी लाइसेंसधारक द्वारा अनुमति के आधार पर भारत निर्मित पटाखों की बिक्री की जाएगी।
डीजीपी ने कहा है कि पटाखों की दुकानों को अस्थाई रूप से लाइसेंस देने के संबंध में नियमानुसार कार्रवाई की जाए। जिला प्रशासन यह भी देख ले कि दुकानें कहां लगेंगी। पटाखों की दुकानों के पास आवश्यक अग्निरोधक उपाय जरूर किए जाएं। पटाखों के भंडारण पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। पटाखों की बिक्री और भंडारण के स्थान पर अग्निशमन की समुचित व्यवस्था जरूर हो।