एक तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जहां कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से निपटने के इंतजाम में लगी हुई है वहीं आने वाले दिनों की चुनौतियों से निपटने की तैयारियां भी तेजी से हो रही है। कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में पुलिस विभाग की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण रही है। विभाग अब आने वाले दिनों में कोरोना वायरस के साथ ही कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर डटे रहने के लिए अपनी रणनीति बना रहा है।
चूंकि कोरोना का खतरा अधिक उम्र के लोगों पर ज्यादा होता है ऐसे में वरिष्ठ पुलिसकर्मियों का ख्याल रखते हुए डीजीपी मुख्यालय ने सभी जिलों के एसएसपी व एसपी को 50 वर्ष से अधिक आयु के पुलिसकर्मियों को फील्ड की फ्रंटलाइन ड्यूटी पर नहीं लगाने का निर्देश दिया है। लेकिन इसके चलते इन स्थानों पर पुलिसकर्मियों की कमी नहीं हो, इसलिए जिलों को 120 कंपनी पीएसी की प्रदान की गई है।
कोरोना वायरस की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को भी अपनी गिरफ्त में लिया है। साथ ही कंटेनमेंट जोन, कोविड सेंटर व ऐसे अन्य चुनौतीपूर्ण स्थानों पर पुलिस की ड्यूटी बढ़ी है। इस बीच कोरोना की तीसरी लहर को लेकर की आशंकाएं जताई जा रही हैं जिसका विस्तार और अधिक माना जा रहा है। यही वजह है कि पुलिस विभाग ने अपनी मैनपॉवर के सही उपयोग के लिए यह कार्ययोजना बनाई है।
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि 50 वर्ष से अधिक आयु के पुलिसकर्मियों की ड्यूटी थाने व कार्यालय में लगाने का निर्देश दिया गया है। यह कदम इसिलए उठाया गया है क्योंकि अधिक उम्र के लोगों में संक्रमण का खतरा ज्यादा बना हुआ है। पंचायत चुनाव के बाद खाली हुई पीएसी की कंपनियों को अलग-अलग जिलों की जरूरत के अनुरूप आवंटित किया जा रहा है। पीएसी के जवानों को बाढ़ राहत बचाव कार्यों में भी लगाया जाएगा।
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 1979 पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित हैं। 9246 पुलिसकर्मियों संक्रमण की आशंका को देखते हुए खुद को क्वारंटीन किया हुआ है। मार्च 2020 से अब तक 21 हजार से अधिक पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। वहीं प्रदेश में 29304 कंटेनमेंट जोन में कुल 33104 पुलिसकर्मी ड्यूटी कर रहे हैं।
कोरोना काल में पुलिस ने कालाबाजारी रोकने के लिए अभियान भी चलाया है। इस दौरान जब्त की हुई चीजों को रिलीज किया जा रहा है। कालाबाजारी के मामले में पुलिस ने अब तक 228 आरोपितों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 1548 आक्सीजन सिलिंडर, 1335 जीवनरक्षक इंजेक्शन व अन्य उपकरण बरामद किए हैं। कोर्ट के आदेशों के अनुरूप पुलिस अब तक 412 रेमडिसिविर इंजेक्शन, 1191 आक्सीजन सिलिंडर, 274 आक्सीमीटर व अन्य उपकरणों को जरूरतमंदों के उपयोग के लिए रिलीज कर चुकी है।
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