Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Oct 6, 2020 | 9:42 AM
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लखनऊ. उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के निजीकरण (Privatization) का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. बिजली कर्मचारियों की हड़ताल पर चले जाने से पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. हड़ताल की वजह से सोमवार को यूपी के अधिकांश हिस्सों में बिजली की सप्लाई नहीं (Power supply stalled) हो सकी. इसके चलते लाखों लोगों को अंधेरे में रहना पड़ा. जानकारी के मुताबिक, राजधानी लखनऊ में उपमुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री समेत कुल 36 मंत्रियों के आवास में बिजली की सप्लाई नहीं हो पाई. सभी मंत्रियों के घर में अंधेरा छाया रहा. इसके अलावा हजारों घरों में भी पावर सप्लाई नहीं हो सकी. ऐसे में अंधेरा होने के चलते लोग सड़कों पर रात को टहलते दिखे.
जानकारी के मुताबिक, बिजली कर्मचारियों के हड़ताल की वजह से लखनऊ से लेकर नोएडा और मेरठ से लेकर वाराणसी तक तमाम जिलों में 10 से 16 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रयागराज, लखनऊ और वाराणसी सहति कई बड़े शहरों के पावर स्टेशन ठप हो गए. इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. वहीं, जौनपुर, आजमगढ़, गाजीपुर, मऊ, बलिया, चंदौली समेत कई जिलों में सोमवार को सुबह 9 बजे से बिजली की सप्लाई बंद हो गई, जो रात भर जारी रही.
बिजली कर्मचारियों की हड़ताल की हड़ताल की वजह से लोगों के बीच काफी गुस्सा है. सोमवार को आम लोगों ने बिजली की सप्लाई ठप होने की वजह से बिजली कर्मचारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही कई लोगों ने सड़कों पर बवाल भी काटा. ऐसे में अधिकारियों को इन्हें समझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी.
प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी
बता दें कि बीते दिनों बहराइच में निजीकरण के विरोध विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की अगुवाई में निकलने वाले मशाल जुलूस पर प्रशासन ने अचानक रोक लगा दी थी. विद्युतकर्मियों के जुलूस को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर भारी पुलिस फोर्स लगा दिया गया था. प्रशासन के रवैये पर विद्युतकर्मियों ने गुस्सा जताते हुये कार्यालय पर ही मशल जुलूस निकालकर प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी.