Reported By: Ved Prakash Mishra
Published on: Apr 27, 2021 | 6:01 PM
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हाटा/कुशीनगर | मोतीचक विकास खण्ड क्षेत्र में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2021 के अंतिम चरण में होने वाले मतदान को लेकर जिला पंचायत, ग्राम प्रधान अथवा बीडीसी के उम्मीदवारों की दिल की धड़कनें अब तेज हो चली है। वजह है महीनों से मतदाताओं को अपने अपने पाले में करने के लिए तमाम तरह के प्रयास के बावजूद गांव की सरकार बनाने वाले मतदाताओं की खामोशी। जहां प्रत्याशियों द्वारा मतदाताओं के घर मकान से लेकर खेत खलिहान तक उनके सुख दुःख में हाथ बंटाने से लेकर उन्हें खिलाने पिलाने के बावजूद उनका वोट किधर जायेगा इस बारे में स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नही हो पा रही है।
एक तरफ जहां वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दूसरे चरण को लेकर चहुंओर अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है। वही प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर ग्रामीण अंचलों में गहमा गहमी का दौर भी खुब जोरो पर देखने को मिल रहा है। गांव में महीनों तक चले इस उत्सव के अंतिम चरण में वो प्रत्याशी बेचैनी के हालत में पसीना बहाते दिख रहे है कि अंतिम समय में कही उनसे कोई चुक न हो जाये।
वही जहां चुनाव सम्पन्न हो चुके है वहां हर प्रत्याशी अपने अपने पक्ष के मतदाताओं पर विश्वास करके मतगणना होने तक अपनी जीत के प्रति आशान्वित है।
इस दौरान मोतीचक विकास खण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अंतिम चरण 29 अप्रैल दिन गुरूवार को होने वाले मतदान को लेकर जिला पंचायत, ग्राम प्रधान अथवा बीडीसी के उम्मीदवारों की दिल की धड़कनें अब तेज हो चली है। लगभग सभी प्रत्याशियों द्वारा चुनाव को अपने पक्ष में करने के लिए महीनों से मतदाताओं को रिझाने तथा उन्हें अपने पाले में करने हेतु सारे हथकण्डे अपनाये जा रहे है। चुनावी त्यौहार को लेकर वर्षों के भूले बिसरे सम्बन्ध मेल मिलाप में बदलते दिख रहे।
बावजूद इसके उनके दिल की धड़कने तेज हो चली है कि कही किसी कमी से सब किये कराये पर पानी न फिर जाय। हालात तो ऐसे दिख रहे है कि प्रत्याशी अगर डाल डाल है तो मतदाता पात पात दिख रहे है। प्रत्याशियों की बेचैनी की मूल वजह यह दिख रही है कि कुछ मतदाता सुबह को किसी और पाले में नज़र आते है तो शाम को किसी और पाले में दिखते है। ऐसे में उन्हे लेकर अन्दाजा लगाना मुश्किल दिख रहा है कि उनकी गिनती किस तरफ की जाय। पंचायत चुनाव को लेकर गांवों में उम्मीदवार अपने समर्थकों की टोलियों के साथ जहां मतदाताओं के दरवाजे पर प्रातः काल से ही पहुँच उनका आर्शीवाद मांग रहे है। वही मतदाताओं द्वारा आने वाले सभी उम्मीदवारों को विजयी भवः का आर्शीवाद दिये जाने से ऊहा पोह की स्थिति बनी हुई है। मतदाताओं को अपने पाले में करने की जुगत को लेकर पीढ़ियों के पुराने सम्बन्धो का हवाला देकर प्रत्याशी मतदाताओं को अपने पक्ष में वोट करने की अपील कर रहे है। वही कुछ प्रत्याशी अपने आप को अन्य की अपेक्षा अधिक कर्मठ, ईमानदार एवं समाजसेवी बताकर अपने पक्ष में वोट करने की अपील कर रहे है। इन सबके बीच चुनावों कोलाहल में प्रत्याशियों प्रचार का शोरगुल एक तरफ तो दुसरी तरफ मतदाताओं की खामोशी चुनावों माहौल को रहस्यमय बनाने के लिए काफी है। बहरहाल आगामी दो मई को मतगणना के उपरान्त ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी कि किसके सर सजेगा ताज और किसे मिलेगी मात।
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