Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Mar 11, 2021 | 5:38 PM
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तमकुहीराज | बाबा तेरी नगरी में देर ना रहे, भक्तों के अंधेरी घर में तेरी रोशनी जले, ॐ नमः शिवाय,ॐ नमः शिवाय के नाम से प्रसिद्ध है पथरवाॅ गांव का प्राचीन बउरहवाॅ बाबा का मंदिर जिनके बारे में आज तीन पुश्त बीतने के बाद भी आज तक शिवलिंग के बारे में किसी के पास कोई सटीक जानकारी नहीं है । लेकिन बउरहवा बाबा के दरबार में सबकी मनोकामनाएं पूर्ण होती है यह पूरे इलाके में प्रसिद्ध है इसलिए हमेशा यहाँ श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।
उल्लेखनीय है कि कुशीनगर जनपद के अंतिम छोर पर स्थित विहार सीमा से लगे तरया सुजान थाना क्षेत्र के ग्राम सभा पथरवाॅ में चेरु कालीन से विराजमान बुउरहवाॅ बाबा का शिव लिंग ब्रिटिश काल के पहले का बताया जाता है। वर्तमान मंदिर के पुजारी बाबा विष्णु गिरी ने बताया कि आज तीन पुश्तों से मेरे परिवार के लोग मंदिर के पुजारी है। प्रथम पुजारी हरे राम गिरी , द्वितीय पुजारी शिवबालक गिरी, और तीसरा में खुद 50 वर्ष से मंदिर का देख रेख के साथ पुजा पाठ करता हूॅ। मंदिर के नाम से लगभग 30 कट्ठा भूमि है । जिसमे उपजे हुए अन्य से मंदिर व हमारे परिवार का भरण पोषण होता है। इस मंदिर प्रांगण में बारहों मास पूजा पाठ रुद्राभिषेक, अष्टजाम, मुंडन संस्कार, कथा व विवाह संबंधित कार्य होता रहता है। साथ ही मंदिर पर तीन प्रमुख मेला हर वर्ष लगता है। जिसमें महाशिवरात्रि, सावनी मेला, वैशाख शिवरात्रि का मेला प्रमुख हैं । जो भी श्रद्धालु यहां पहुंचकर अपनी मनोकामनाएं के लिए पूजन अर्चन करते हैं। उनकी मनोकामनाएं पूरी होती है। वहीं मंदिर पर उपस्थित लोगों ने बताया कि यह मंदिर विश्वास के साथ आस्था का केंद्र है जहां से आज तक कोई भक्त खाली हाथ नहीं गया है। जो भी भक्त सही और सच्चे दिल से बाबा के दरबार में आकर पुजा पाठ करता है उसका मनौकामनाए अवश्य पूरी होता हैं।
Topics: तमकुहीराज