Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Oct 6, 2020 | 4:48 PM
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राजेश कुमार चौहान/न्यूज अड्डा
रामकोला/ कुशीनगर । बिकास खण्ड रामकोला मे डीपीआरो साहब ने अपने रिस्तेदार को रामकोला ब्लाक मे सचिव की पहली पोस्टिंग से ही एडीओ पंचायत जैसे महत्वपूर्ण पद का प्रभार दे दिया जबकि तैनाती के समय दो सीनियर ग्राम पंचायत अधिकारी विकास खण्ड के विभिन्न ग्राम पंचायतो में तैनात थे लेकिन उनकी सीनियारिटी को नजरअंदाज कर एडीओ पंचायत जैसे महत्वपूर्ण पद पर विकास खण्ड में ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर प्रथम बार तैनात एक दम नए सचिव को प्रभार देना विभाग के कार्य शैली पर प्रश्न खड़ा कर दिया है।
विकास खण्ड स्तर पर सहायक विकासअधिकारी(पँचायत) महत्वपूर्ण पद होता है जिनकी तैनाती जिला पंचायत राज अधिकारी के द्वारा डीएम व सीडीओ की संतुष्टि पर की जाती है। विकास खण्ड रामकोला मे रिक्त हुए एडीओ पंचायत के पद का अतिरिक्त प्रभार 01मई 2018 को ग्राम पंचायत अधिकारी नीरज चतुर्वेदी को दे दिया गया जो इस विभाग में नए थे जिनकी ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर पहली नियुक्ति ही रामकोला में 21 मार्च 2017 को हुआ था और मई 2018 को एडीओ का एक दम नए रामकोला में पहली तैनाती पाने वाले को एडीओ पंचायत का प्रभार दिया जाना विभाग के कार्य शैली पर सवाल खड़ा कर रहा है ।विकास खण्ड में पहली तैनाती पाए ग्राम पंचायत अधिकारी को एडीओ पंचायत के पद पर नियुक्ति में भरष्टाचार का बू आना स्वभाविक है।यह नियुक्ति कई सवाल पैदा कर दिया है।लोगो मे चर्चा है कि इस मलाईदार पद पर सीनियर की जगह एक दम नई तैनाती पर आए जूनियर की नियुक्ति समझ के परे है। प्रभारी एडीओ पंचायत साहब के पास ब्लॉक के लगभग एक दर्जन चुनींदा ग्रामसभाएं भी है जहाँ के यह सचिव भी है। विकास खण्ड रामकोला में यह मुहावरा चरितार्थ हो रहा है कि” अंधेर पुर नगरी चौपट राजा”। जिला प्रसाशन की यह मनमानी तो यह ही कह रही है।
Topics: रामकोला