Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: May 19, 2020 | 7:35 AM
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भारत में कोरोना मरीजों की संख्या एक लाख के पार चली गई है. पिछले एक हफ्ते में कोरोना मरीजों की तादाद में तेजी से इजाफा हुआ है. बावजूद इसके भारत की स्थिति कई मायनों में दुनिया के बाकी मुल्कों से बेहतर है. एक लाख की आबादी पर कोरोना मरीजों की संख्या के लिहाज से देखा जाये तो भारत का औसत दुनिया के बाकी देशों से कहीं ज्यादा बेहतर है.
भारत में एक लाख की आबादी पर कोरोना संक्रमितों का औसत 7.1 है. यानी एक लाख की आबादी में यहां 7 लोग ही कोरोना की चपेट में आये हैं. जबकि दुनिया का औसत देखा जाये तो एक लाख की आबादी पर 60 कोरोना मरीज पाये गये हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने खुद इसकी जानकारी दी है.
मंत्रालय ने ये भी बताया है कि भारत में औसत रेट तो अच्छा है ही, साथ ही कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों का रिकवरी रेट भी काफी बेहतर है. मंत्रालय के मुताबिक, रिकवरी रेट 38 प्रतिशत से ज्यादा है यानी हर 100 में करीब 38 मरीज ठीक हो रहे हैं.
दुनिया में प्रति लाख आबादी पर कोरोना केस
चीन से निकले कोरोना वायरस ने सबसे ज्यादा तबाही अमेरिका, इटली, फ्रांस, स्पेन और यूके में मचाई है. ये वो बड़े विकसित देश हैं जिन्होंने कोरोना वायरस के सामने घुटने टेक दिये हैं. अमेरिका में हालात अब भी काबू में नहीं आ रहे हैं. अमेरिका में एक लाख की आबादी पर कोरोना मरीजों की संख्या 494 है. जबकि रूस में ये संख्या 195 है.
प्रति लाख आदमी पर कोरोना मरीज की लिस्ट
यूके- 361 केस/लाख
स्पेन- 494 केस/लाख
इटली- 372 केस/लाख
ब्राजील-104 केस/लाख
जर्मनी- 210 केस/लाख
तुर्की- 180 केस/लाख
फ्रांस- 209 केस/लाख
ईरान- 145 केस/लाख
क्या टेस्ट है वजह?
भारत के लिये जहां औसत केस की संख्या राहत देने वाली है, वहीं दूसरी तरफ कम टेस्टिंग रेट आशंकाओं को भी जन्म देता है. दुनिया के सिर्फ चार देश (मैक्सिको, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और मिस्र) ऐसे हैं जिन्होंने आबादी के अनुपात में भारत की तुलना में कम टेस्ट किये हैं. भारत ने अपनी आबादी में सिर्फ 0.15% का ही टेस्ट किया हैं. हालांकि, अब धीरे-धीरे टेस्ट में तेजी आ रही है. सोमवार (18 मई) को पहली बार एक लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट किये गये हैं और अब तक देश में कुल 24 लाख टेस्ट हो चुके हैं.
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