Reported By: Ved Prakash Mishra
Published on: Mar 11, 2025 | 8:02 PM
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हाटा/कुशीनगर | होली खेलते समय यूं तो सभी को केमिकल युक्त रंगों से दूरी बनानी चाहिए। लेकिन गर्भवतियों को ऐसे रंगों से दूर रहना अति आवश्यक है।ये रंग न केवल गर्भवतियों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं,बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़़ सकता है।
मंगलवार को उक्त बातें हाटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की महिला चिकित्सक डा निधि उपाध्याय ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को ऐसे रंगों से बचना जरूरी है। केमिकल युक्त रंगों में कई खतरनाक तत्व मौजूद रहते हैं। इनमें लेड आक्साइड, कापर सल्फेट और यहां तक कि पिसा हुआ कांच भी होता है।
इन रंगों से होली खेलने से जहां नर्वस सिस्टम प्रभावित होने का खतरा रहता है। वहीं किडनी और रि-प्रोडक्टिव सिस्टम को नुकसान पहुंचता है।गर्भवतियों के लिए ऐसे रंगों से होली खेलने पर प्री मेच्योर डिलीवरी और गर्भपात होने का डर रहता है। इतना ही नहीं केमिकल युक्त रंगों से होली खेलने पर गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़़ता है। जन्म के समय ऐसे बच्चे का वजन कम हो सकता है।डा निधि ने बताया कि गर्भावस्था में महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता थोड़ी कमजोर हो जाती है। इसलिए उन्हें खानपान के मामले में भी विशेष ध्यान रचाना चाहिए। अत्यधिक मिठाई खाने और कार्बोनेटेड पेय पीने से गर्भावस्था में शर्करा बढ़ जाती है, जिसका परिणाम कई बार मधुमेह के रूप में सामने आता है।
होली पर भांग युक्त ठंडाई तो गर्भवतियां बिल्कुल न पियें। इससे हृदय गति के साथ-साथ रक्तचाप भी बढ़ जाता है। जो काफी घातक साबित हो सकता है।
Topics: हाटा