Reported By: ज्ञानेन्द्र पाण्डेय
Published on: Jan 30, 2025 | 7:49 PM
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कुशीनगर।जनपद में कुष्ठ का उपचार ले चुके या उपचाराधीन कुष्ठ रोगियों से संक्रमण का कोई खतरा नहीं है। समाज को खतरा उन रोगियों से है जो लक्षण के बावजूद भय,भ्रांति, कलंक और भेदभाव के कारण कुष्ठ की जांच नहीं करा पाते हैं।अगर किसी के शरीर पर कुष्ठ रोग के लक्षण दिखे तो तत्काल जांच कराकर इलाज शुरू करे।
उक्त बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ.सुरेश पटारिया ने कहीं। उन्होंने कहा कि 30 जनवरी से 13 फरवरी तक चलने वाले स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान भी शुरू हो गया। इस अवसर पर सीएमओ ने अपने कार्यालय परिसर से हरी झंडी दिखाकर स्कूली बच्चों की जागरूकता रैलीे और प्रचार वाहन को रवाना किया। रैली सीएमओ कार्यालय से चलकर जिलाधिकारी कार्यालय, मेडिकल कालेज, डीपीआरओ कार्यालय होते हुए रविन्द्र नगर थाने से होकर पुनः सीएमओ कार्यालय पहुंच गयी। जहां पर संकल्प दिलाने के साथ जिलाधिकारी का संदेश भी पढ़ कर सुनाया गया।अभियान के दौरान जन समुदाय को बताया जाएगा कि कुष्ठ के लक्षण दिखने पर आशा, एएनएम या बहुद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता की मदद से स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराएं और सम्पूर्ण इलाज पाएं।
जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ अल्पना रानी गुप्ता ने बताया कि पासी बेसिलाई (पीबी) कुष्ठ रोग का इलाज छह माह में और मल्टी बेसिलाई (एमबी) कुष्ठ रोग का इलाज साल भर में पूरा हो जाता है।समय से जांच और इलाज न करवाने पर यह बीमारी दिव्यांगता और विकृति का रूप ले सकती है।कुष्ठ अधिक संक्रामक बीमारी नहीं है और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक आसानी से नहीं पहुंचता है।एक बार उपचार शुरू होने के बाद संक्रमण की आशंका शून्य हो जाती है।इसका उपचार सभी ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों पर उपलब्ध है।जिला कुष्ठ परामर्शदाता डाॅ.विनोद कुमार मिश्रा ने बताया कि कुष्ठ रोग खानदानी नहीं है और न ही छुआछूत से होता है।इलाज न कराकर झाड़फूंक कराने से यह बीमारी ठीक नहीं होती है। ऐसे में अगर शरीर पर चमड़ी के रंग से हल्का कोई भी सुन्न दाग धब्बा हो तो कुष्ठ की जांच अवश्य करानी चाहिए।हल्के रंग के व्यक्ति की त्वचा में गहरे और लाल रंग के भी धब्बे हो सकते हैं। हाथ या पैरों की अस्थिरता या झुनझुनी,हाथ पैर व पलकों में कमजोरी, नसों में दर्द, चेहरे या कान में सूजन अथवा घाव और हाथ या पैरों में दर्द रहित घाव भी इसके लक्षण हैं । तुरंत जांच और इलाज से मरीज ठीक हो जाता है और सामान्य जीवन जी सकता है।
कार्यक्रम में उप जिला कुष्ठ अधिकारी डाॅ.आरडी कुशवाहा, जिला परामर्शदाता डाॅ.विनोद कुमार मिश्रा, एपिडेमियोलाॅजिस्ट डाॅ.मनोज राय, हेल्थ एजुकेटर रामध्यान सिंह, फिजियोथिरैपिस्ट प्रदीप गुप्ता, सीएमओ कार्यालय के अधिकारी, कर्मचारी तथा शाकुन्तल इंटर कालेज के शिक्षक तथा छात्र भी मौजूद रहे।
Topics: पड़रौना