खड्डा/कुशीनगर। खड्डा तहसील मुख्यालय स्थित पशु चिकित्सालय पर समय से न तो डाक्टर बैठते हैं और न ही इन दिनों अस्पताल पर पशुओं का इलाज हो पा रहा है। अस्पताल में किसी डाक्टर के स्थायी रुप से नियुक्त नहीं होने की वजह से नगर क्षेत्र सहित आस-पास के पशुपालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
शुक्रवार की दोपहर दिन के 12 बजे अस्पताल बंद था व दरवाजे पर ताले लटक रहे थे। यहां गर्भाधान व मवेशियों के इलाज के लिए बने स्टैंड को देख ऐसा प्रतीत होता है कि डॉक्टर के मौजूद नहीं होने की वजह से कभी कोई पशुपालक इलाज के लिए अपने मवेशी को लेकर यहां नहीं आते है।
विभागीय कर्मचारी ने बताया कि पशु चिकित्सालय खड्डा में किसी स्थायी डाक्टर की नियुक्ति नहीं होने की दशा में पडरौना के डाक्टर एसएन सिंह को खड्डा का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। खड्डा में नियुक्त पशुधन प्रसार अधिकारी संजय भारती को कोप जंगल पशु आश्रय केन्द्र से संबद्ध किया गया है। ऐसी स्थिति में विकास खंड के दस न्याय पंचायतों समेत कस्बा के पशुओं के इलाज की जिम्मेदारी पूरी तरह से आठ पैरावेट पशुमित्रों पर निर्भर है।
इस सम्बंध में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. विकास साठे का कहना है कि खड्डा में किसी डाक्टर की स्थायी नियुक्ति नहीं होने से दिक्कत है। अस्पताल शुक्रवार को बंद होने की बात पर कुछ नहीं बताये।
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