कुशीनगर। जिले के कसया पुलिस की लापरवाही के चलते पंजाब का एक व्यक्ति पिछले सात वर्ष से देवरिया कारागार में सजा काट रहा था। मजे कि बात यह है कि पुलिस ने उसके परिजनों को भी सूचना नही दिया, जिसके कारण न तो उससे कोई मिलने आया और ना ही कोई खोजबीन हुई। परिजन उसकी कोई खोज खबर न मिलने से मृत समझ लिया था। पंजाब के इस बेगुनाह को दुसरे के नाम पर जेल भेज दिया गया था।
मामले की जानकारी होने पर सोमवार को पिछले कई साल से देवरिया जिला जेल में बन्द पंजाब निवासी बलबीर सिंह को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम ने तत्काल रिहा करने का आदेश जारी किया है।
न्यायालय के आदेश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने जब इस मामले में पेशी पर आए उक्त व्यक्ति से उसका असली नाम पता प्राप्त पंजाब में उसके परिजनों से बात की तब जाकर असलियत सामने आयी और तब उसके रिहाई के रास्ते खुले।
जानकारी के मुताबिक बलवीर सिंह को सात वर्ष पहले कसया पुलिस ने बोलेरो से पांच किलो गांजा की बरामदगी दिखाते हुए हरमेल सिंह पुत्र मुख्तियार सिंह के नाम पर जेल भेज दिया था। मामले में सात वर्षो से जिला कारागार देवरिया में रह रहा बन्दी हरमेल सिंह पुत्र मुख्तियार सिंह जो अपने को बलवीर सिंह पुत्र नजर सिंह बता रहा था और साथ ही उसने यह भी बताया कि वह जब से जेल में बन्द है, उससे कोई मिलने नही आया है। उसके कथन को संज्ञान में लेते हुए अपर जिला जज फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कुशीनगर को निर्देशित किया कि उक्त बन्दी को विधिक सहायता देते हुए उसके परिजनों को सूचित किया जाय।
उक्त के क्रम में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अमन कुमार श्रीवास्तव द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, संगरूर, पंजाब को पत्र भेज कर उक्त बन्दी के परिजनों को बन्दी के संबंध में अवगत कराने हेतु सम्पर्क स्थापित किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, संगरूर द्वारा उक्त के क्रम में कार्यवाही करते हुए बन्दी के पुत्र जसवंत सिंह से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कुशीनगर के लिपिक राजकुमार वर्मा से टेलीफोनिक संम्पर्क कराया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के लिपिक राजकुमार वर्मा द्वारा बन्दी के पुत्र जसवंत सिंह को बन्दी के संबंध में अवगत कराया गया तो बन्दी के पुत्र जसवंत सिंह द्वारा बताया गया कि वे पिछले सात वर्षों से पिता के बारे में कोई सूचना नही मिलने पर उन्हें मृत मान लिया था। यह खबर जानकर वह जिला कारागार देवरिया में आकर अपने पिता से मिला।
इस नए घटनाक्रम के सामने आने के बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अमन कुमार श्रीवास्तव द्वारा द्वारा न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के समक्ष पूरा मामला रखा गया। इसके बाद लगातार हुई सुनवाई के बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश मदन मोहन ने सोमवार को उक्त बन्दी को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया गया। अधिवक्ता अमन कुमार ने लापरवाह पुलिसकर्मी पर कार्यवही की मांग किये है। आदेश में न्यायाधीश द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कुशीनगर के साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, संगरूर पंजाब, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के लिपिक राज कुमार वर्मा व जिला मजिस्ट्रेट कुशीनगर की प्रशंसा भी की गयी।
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