Reported By: अनिल पाण्डेय
Published on: Feb 23, 2025 | 7:18 PM
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बोदरवार/कुशीनगर। क्षेत्र के ग्राम सभा सोमली में आयोजित विष्णु महायज्ञ के छठवें दिन अयोध्या से आई हुई कथा वाचिका कंचन किशोरी द्वारा राम वन गमन और केवट संवाद के प्रसंग की कही गई कथा को सुन कर महायज्ञ में श्रद्धालु भावुक हो गए I
कप्तानगंज विकास खंड अंतर्गत स्थित ग्राम सभा सोमली में संचालित विष्णु महायज्ञ के छठवें दिन 23 फरवरी रविवार को राम वन गमन और केवट संवाद के प्रसंग का कथा सुनाते हुए कंचन किशोरी ने कहा I कि जनकपुर से अयोध्या पहुँचने पर राम सीता का स्वागत किया गया और राम को अयोध्या का राजा घोषित कर अभिषेक की तैयारी जोरों से चल रही थी I किंतु मंथरा ने रानी कैकेई को वहकाते हुए कहा कि भरत का हित राजा बनने से ही संभव है राम के राज तिलक की जगह अपने पुत्र भरत का राज तिलक कराये I मंथरा की बातों को मान कर रानी कैकेई कोप भवन में चली गई I
राजा दशरथ द्वारा कोप भवन पहुँच कर रानी कैकेई को समझाने की बहुत कोशिश किये I परंतु रानी अपने फैसले पर अटल रही I आखिर में दशरथ को रानी के दो वरदान को मान कर भरत को राज तिलक और राम को चौदह वर्ष का वनवास देना ही पड़ा I राजा के साथ ही साथ पिता की आज्ञा का पालन करते हुए सीता और लक्ष्मण के साथ राम वनवास को निकल पड़े जिससे अयोध्या नगरवासी दुःखी होकर मंत्री सुमंत्र के रथ को रोकने लगे I उस समय भगवान राम नगरवासियों के आग्रह पर दिन में तो रुक गए लेकिन रात्रि में सो रहे नगर वासियों को छोड़ कर सुमंत्र के रथ पर आरूढ़ होकर वन के लिए प्रस्थान कर गए I गंगा नदी पर राम और केवट का संवाद शुरु हुआ भगवान राम के चरण को धोकर ही केवट ने गंगा नदी को पार कराया I राम वन गमन और केवट संवाद के इस प्रसंग को सुन कर उपस्थित श्रद्धालु भावुक हो उठे I
इस दौरान प्रधान त्रियुगी पटेल, विश्वनाथ तिवारी, उमाशंकर गुप्ता, नागेंद्र शुक्ला, शिवपूजन लाल, राधेश्याम पाण्डेय, विवेक विश्वकर्मा, शेषनाथ, रामप्यारे प्रसाद, विष्णु पटेल, जोखन सिंह, अप्पू शुक्ला, अनूप कन्नौजिया, विश्वामित्र उर्फ गुड्डू पटेल, प्रियंका सिंह, हँचला देवी, निर्मला देवी, कौशल्या देवी, सरस्वती देवी आदि महिलाओं सहित ग्रामीण श्रद्धालु उपस्थित रहे I
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