Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: May 14, 2021 | 4:17 PM
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उत्तर प्रदेश की नदियों और खास गंगा नदी में लाशों की जलसमाधि के बाद सूबे की योगी सरकार सख्त हो गई है. बनारस और गाजीपुर की नदियों में लाशें बहती हुई दिख रही है. कोरोना काल में इतनी अधिक संख्या में लाशों के जल प्रवाह से यूपी सरकार की सोशल मीडिया में जमकर आलोचना हो रही है. इसी आलोचना को देखते हुए अब यूपी सरकार हरकत में आ गई है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नदियों में शवों के जल प्रवाह को रोकने का आदेश दिया है. साथ ही एसडीआरएफ और पीएसी की जल बटालियन तैनात कर नदियों की पेट्रोलिंग करने का भी आदेश जारी किया गया है ताकि शवों को जल प्रवाह करने से रोका जा सके. इसके साथ ही सरकार ने शवों का धार्मिक रीति से दाह संस्कार कराने का आदेश दिया.
यूपी सरकार के नए आदेश में अब गांव में ग्राम विकास पदाधिकारी और प्रधान को यह जिम्मेदारी दी जा रही है कि वह अपने इलाके में शवों का धार्मिक रीति से दाह संस्कार कराएं. इसी तरीके से नदियों में शवों को ना डाला जाए और शहरों में भी नगर निगम के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है.
गौरतलब है कि यूपी और बिहार की सीमाओं में बहती गंगा में मिलीं अनगिनत लाशों ने आसपास के लोगों में खौफ भर दिया है. यूपी का गाजीपुर हो या बिहार का बक्सर, पिछले कुछ दिनों में गंगा किनारे अनगिनत लाशें मिली हैं. इन लाशों में तमाम तो इतनी सड़ गल गई हैं, जिनसे पहचानना मुश्किल है कि ये किसी पुरुष की लाश है या महिला की.
गाजीपुर के घाटों पर मुनादी की जा रही है और लोगों से अपील की जा रही है कि वे बिना जलाए शवों को गंगा में प्रवाहित ना करें क्योंकि इससे महामारी फैल सकती है. बावजूद इसके गंगा में लाशों के जल प्रवाह का सिलसिला जा रही है. गाजीपुर के अलावा बलिया और वाराणसी में लाशें मिली हैं. इसके अलावा बक्सर में भी कई लाशें बहती हुई मिली हैं.