Reported By: Sanjay Pandey
Published on: Jan 31, 2025 | 6:05 PM
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खड्डा/कुशीनगर। महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ट्रस्ट के ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय बताते है कि बसंत पंचमी पर्व माघ शुक्ल पञ्चमी को मनाया जाता है। इस वर्ष माघ शुक्ल पञ्चमी तिथि सोमवार को प्रातः 09 बजकर 36 मिनट तक है। रेवती नक्षत्र व सिद्धि नामक योग मिल रहा है अतः इस बार की वसन्त पञ्चमी सर्वमंगलकारी है।
सरस्वती पूजन का सर्वोत्तम मुहूर्त : सुबह 07 बजकर 27 मिनट से 09 बजकर 36 मिनट तक है। यह पर्व वास्तव में ऋतुराज बसंत की अगवानी क़ी सूचना देता है। इस दिन से ही होरी तथा धमार, गीत प्रारम्भ किये जाते हैं। गेहूँ तथा जौ क़ी स्वर्णिम बालियाँ भगवान को अर्पित क़ी जाती है।भगवान विष्णु तथा सरस्वती के पूजन का विशेष महत्व है। बसंत ऋतु कामोद दीपक होती है। इसलिए चरक संहिता कार का कथन है कि इसके प्रमुख देवता काम तथा रति है। अतएव काम तथा रति की प्रधानता पूर्वक पूजन करना चाहिए। इसलिए जो व्यक्ति माँ सरस्वती की पूजा निष्ठा पूर्वक करता है उसे बुद्धि एवं विद्या की प्राप्ति होती है।
Topics: कुशीनगर समाचार