Reported By: Surendra nath Dwivedi
Published on: May 13, 2022 | 2:50 PM
688
लोगों ने इस खबर को पढ़ा.
कुशीनगर। कठिन राह है कठिन क्षेत्र है, फिर भी तुम डटी हो, कौन-सी ऐसी बाधा है, जिससे तुम पीछे हटी हो। ये पंक्तियां हमारी देश की नर्सों के लिए एकदम फिट बैठती है। कोरोना काल में जब हर कोई डर रहा तो नर्सें अपनी जान की बाजी दांव पर लगाकर मरीजों की सेवा करती रहीं। मेडिकल कॉलेजों,अस्पतालों में कोविड की तीनों लहरों में हैवी वायरल लोड के बीच नर्सें मरीजों की देखभाल उसी तरह करतीं रहीं, जैसे डॉक्टर करते रहे। अब तो कई नर्सों को कोरोना मरीजों की तीमारदारी का विशेषज्ञ मान लिया गया है, क्योंकि वह खुद भी मरीजों की सेवा करते-करते संक्रमित हो गईं थीं लेकिन क्वारंटीन होने के बाद भी परिवार से ज्यादा मरीजों को बचाने का जज्बा उनमें मौजूद रहा।
परिवार से महीने तक दूर, पर नहीं मानी हार: पहली और दूसरी कोरोना की लहर में जब लोग दहशत में रहे और कोरोना मरीज के पास जाने तक में कांपते रहे, तब हैवी वायरल लोड के बीच कोविड मरीजों की सेवा में नर्से लगी रही। कई बार कोविड में ड्यूटी करने के बाद जब खुद संक्रमित हो गईं तो दहशतजदा हो गईं। महीनों तक परिवार से अलग रहीं लेकिन कोविड की ड्यूटी करने से पीछे नहीं हटीं। उन्हें ओमीक्रोन की तीसरी लहर में भी ड्यूटी करनी पड़ी। कोविड में सुबह से रात तीमारदारी, दवाओं और ऑक्सीजन का प्रबंधन करना उनके लिए बेहद मुश्किल कार्य रहा। संक्रमित हुईं और डरी, सहमी लेकिन मरीजों के दर्द के आगे अपना दर्द भूल गई। 10 घंटे तक पीपीई किट पहनकर काम करना उनके लिए दुरूह कार्य रहा।
मरीजों से दुआओं से मौत के मुंह से वापस लौटी: अब तो लोग कोरोना काल को भूल गए हैं लेकिन स्टाफ नर्स संध्या को वह दिन अभी भी याद हैं। कोरोना वायरस ने डर के साथ कई लोगों को नए जज्बे के साथ लड़ने की भी सीख दी है। स्टाफ नर्स श्वेता की माने तो कोविड मरीजों की तीमारदारी का हौसला हर समय रहा लेकिन जब मरीजों की सेवा करते-करते संक्रमित हुए और आक्सीजन लेवल गिरने लगा तो डर गए थे पर ठीक होकर डिस्चार्ज हुए, उस दौर के मरीजों की दुआएं ही रहीं कि कोविड की जटिलताओं के बाद भी वह 14 दिन के बाद ठीक हो गईं। मरीजों के चेहरों की खुशी ने उन्हें कोविड से लड़ने का हौसला दिया वरना डर तो हर कोई रहा था।
इंटरनेशनल नर्सेस डे 2022 की थीम: सीएचसी तमकुही के वरिष्ठ चिकित्सक डा. संजय कुमार ने बताया कि इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेस की ओर से इस बार इंटरनेशनल नर्सेस डे 2022 की थीम है। ‘नर्सेस : ए वॉयस टू लीड- इन्वेस्ट इन नर्सिंग एंड रिस्पेक्ट राइट्स टू सिक्योर ग्लोबल हेल्थ’। यानी ‘नर्सेस नेतृत्व के लिए एक आवाज – नर्सिंग में निवेश करें और ग्लोबल हेल्थ को सुरक्षित रखने के अधिकारों का सम्मान करें।
Topics: तमकुहीराज