Reported By: न्यूज अड्डा डेस्क
Published on: Mar 30, 2023 | 9:14 AM
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सहारा समूह के डिपॉजिटर्स के लिए खुशखबरी है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)ने सहारा समूह की ओर से मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के पास जमा कराए गए 24,000 करोड़ रुपये में से 5,000 हजार करोड़ रुपये आवंटित करने की केंद्र की याचिका स्वीकार कर ली है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यह निर्देश पिनाक पानी मोहंती नामक व्यक्ति की जनहित याचिका पर केंद्र की ओर से दायर एक आवेदन पर दिया है. मोहंती ने चिट फंड कंपनियों और सहारा क्रेडिट फर्मों में निवेश करने वाले जमाकर्ताओं को राशि का भुगतान करने का निर्देश देने की मांग की थी.
जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि यह राशि सहारा समूह की कोऑपरेटिव सोसियटीज की ओर से ठगी के शिकार जमाकर्ताओं को लौटाई जाएगी. यह प्रक्रिया शीर्ष कोर्ट के पूर्व जज आर सुभाष रेड्डी की निगरानी में पूरी की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट की ओर से अगस्त 2012 में सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) को निवेशकों का पैसा लौटाने का निर्देश देने के बाद सेबी सहारा-सहारा सेबी एस्क्रो अकाउंट खोले गए थे, जिसमें सहारा समूह की ओर से पैसे जमा करवाए गए थे. केंद्र सरकार ने उसी अकाउंट से राशि जारी करने की सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी.
SEBI ने बीते एक दशक के दौरान सहारा (SAHARA) की दो कंपनियों के निवेशकों को 138 करोड़ रुपये का रिफंड किया है. सेबी ने सालाना रिपोर्ट में कहा कि उसे 31 मार्च, 2022 तक 19,650 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें रिफंड के कुल 82.31 करोड़ रुपये के दावे शामिल थे. इसमें से उसने 17,526 मामलों में 68 करोड़ रुपये के ब्याज सहित 138 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया. इससे पहले सेबी ने जो जानकारी दी थी उसमें बताया था कि 31 मार्च, 2021 तक उसने कुल 129 करोड़ रुपये का रिफंड दिया है.
Topics: अड्डा ब्रेकिंग बिज़नेस और टेक्नोलॉजी