Reported By: Farendra Pandey
Published on: Jul 16, 2023 | 6:06 PM
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कप्तानगंज/कुशीनगर । स्व सुदामा देवी की स्मृति व प्रभात साहित्य सेवा समिति की 357 वी काव्य गोष्ठी शनिवार की रात्रि विमला सदन पर कवि आनंद कृष्ण त्रिपाठी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। संचालन विनोद गुप्ता ने किया। सर्व प्रथम माँ शारदे व सुदामा देवी के चित्र पर अतिथियों द्वारा पुष्पार्चन किया गया, तदोपरांत मां शारदे की वंदना से मनजीत सिंह ने गोष्ठी का शुभारंभ किया।
इसके बाद अर्शी बस्तवी ने यह सुनाया-
“हादसात राहों के एहतराम करते हैं..”
कन्हैया लाल-“ना घर बदला ना आंगन..”
अंशदीप-“आंखों ही को न समझे ,तो फिर मोहब्बत क्या”
धर्मेंद्र -“पिया पी पी के आवे आधी रात में..”
शौर्यजीत -“लौट आई वो फिजा ..”
अरमान मंसूरी -“कभी जो राज करता था हमारे दिल पे।”
डा इम्तियाज समर”दिलों में प्यार की खुशबू का इक…”
एस के अंकुर -” अब ते पानी में पत्थर गलावल जात”
ए के अमजद”तेरी गली में मुझको बदनाम करोगे”
डा नर्वदा सिंह”किस दयालु व्यक्ति ने लगाया मुझे।”
मेजबान बेचू बीए ने माँ को समर्पित यह गीत सुनाया
“सो रही हूं नीद में अब मत जगाओ…”
संचालन कर रहे विनोद गुप्ता ने यह सुनाया-
“मैं तो धड़कन की तरह दिल में तेरे रहता हूँ।”
नुरूद्दीन नूर ने भी मां पर बेंजोड रचना सुनाया।
अध्यक्षता कर रहे अध्यक्ष आनन्द कृष्ण त्रिपाठी ने यह सुनाया-“अरे रामा बनलें बैद्ध कन्हिया…”
अंत में आयोजक बेचू बीए ने सभी आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया। इस दौरान बिमला देवी, सुरेश गुप्ता,अजय गुप्ता, अंशु , लवकुश वर्मा,राधे राधे निशु , अंजलि,श्वेता गुप्ता आराध्या सहित गणमान्य व श्रोता गण मौजूद रहे।
Topics: कप्तानगंज