Reported By: Farendra Pandey
Published on: Oct 16, 2021 | 1:02 PM
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कप्तानगंज/कुशीनगर (न्यूज अड्डा)। नगर की साहित्यिक संस्था प्रभात साहित्य सेवा समिति की 342 वीं काव्य गोष्ठी शुक्रवार को पंडित उमा शंकर मिश्र के आवास पर संपन्न हुई जिसका संचालन इंद्रजीत इंद्र ने किया सर्वप्रथम मां शारदे की वंदना के लिए बेचू बीए को आमंत्रित किया गया उन्होंने बंदना के बाद गीतसुनाया -” बहुत सह चुके बहुत रह चुके फुटपाथो झोपड़ियों में, कई दशक तो बीते मुझको इंतजार की घड़ीयों में ।” इसके बाद नियामत अली ने यह सुनाया – मां बाप से बढ़कर जग में कोई दूजा नहीं खजाना, जिसने तुझे जन्म दिया रे दिल उसका नहीं दुखाना । इसके बाद बेनी गोपाल शर्मा ने सुनाया- तुम्ही देव पुराण पुरुष हो…। इसके बाद अर्शी बस्तवी ने सुनाया -ख्वाब शोहरत का देखने वालों, शोहरतें दुश्मनी बढ़ाती हैं ।इसके बाद डॉक्टर इम्तियाज समर ने कुछ यूं सुनाया – उनका आंगन उदास रहता है जिनके घर बेटियां नहीं होती । नूरुद्दीन नूर ने यह सुनाया – सोच के यह दिल मेरा क्यों घबराया है आज ख्यालों में जाने कौन आया है इसके बाद विनोद गुप्त ने यह पढ़ा दौलत कमा के कोई न बन सका सिकंदर, जाएगा हाथ खाली यह बात याद रखना । बाल कवि अभय मिश्र ने भी रचना पाठ किया। इसके बाद इम्तियाज लक्ष्मीपुरी ने सुनाया – घर घर में छाई खुशी जब आइल दशहरा इसके बाद संचालन कर रहे इंद्रजीत इंद्र ने सुनाया- धरती के महिमा महान हमरे देशवा के धरती के महिमा महान । अंत में संचालन कर रहे पंडित उमा शंकर मिश्र ने यह सुनाया -उम्र जो उड़ान पर है जिंदगी ढलान पर है ,कब गिरे पता भी कुछ नहीं जिंदगी मचान पर है।
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