Reported By: Surendra nath Dwivedi
Published on: Aug 1, 2022 | 7:38 PM
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कुशीनगर। तमकुहीराज थाना क्षेत्र में बुज़ुर्ग मां को उसके बहू-बेटे ने उसे दर-दर की ठोकरें खाने के लिए घर से बे-घर कर दिया। बेसहारा मां को जब कहीं सहारा न मिला तो उसको पुलिस ही मददगार नजर आई। इसके बाद उसने तमकुहीराज थाना नही जाकर तरयासुजान थाना के पुलिस चौकी बहादुरपुर का रूख किया। चौकी पर कार्यरत आरक्षी विरेन्द्र सिंह ने मां की दर्दभरी दास्तां सुनी और फिर महिला के घर जाकर बेटे को बुलाकर समझाया। जिसके बाद बेटा उसे अपने घर रख लिया।
यहां बताना लाजमी होगा की सोमवार को सुबह , सुबह तमकुहीराज थाना क्षेत्र के मुकुंदपुर निवासी आयशा बेगम पत्नी खोरादीन उम्र साठ वर्ष रोते बिलखते चौकी बहादुरपुर पहुंची। चौकी पर सुबह का समय होने के वजह से अस्त व्यस्त माहौल था। उधर बगल में स्थित बाबा दोना शुक्ल महराज के दरबार में अखंड अष्ट्याम का कार्यक्रम पूरे शबाब पर थी। लेकिन आरक्षी विरेन्द्र की पैनी नजर बूढ़ी मां पर टिकी। उन्होंने दौड़ कर मां को सोफा पर बैठाया,उनकी पीड़ा पूछी फिर पीड़ा से कराह रही मां को अपने हाथो से भोजन कराया इतना ही भी दर्द से कराह रही मां को दवा खरीद कर देते हुए अपने साथ सिपाही अनिल यादव को लेकर घर पहुंचाए। इस दौरान सिपाही बिलाश यादव की भूमिका सराहनीय रही।
मां को खाना नहीं देते, घर से भी बेदखल कर दिया: तमकुहीराज थाना के मकुंदपुर गांव के आयशा बेगम के पति का स्वर्गवास हो चुका है। इनका पांच पुत्र और दो पुत्रियां है। लेकिन बुजुर्ग मां को बीते कुछ दिनों से बेटे और बहू का रवैया से काफी दुःख हो रहा है। कभी उन्हें छोटी छोटी बातों पर फटकारा जाता तो कभी खाने से भी दूर रखा जाता। हद तो तब हो गई जब उन्हें बेटे ने अपने घर से बाहर का रास्ता दिखा दिया। अब साठ साल की बुजुर्ग आयशा बिना पति के बेसहारा हो गई है। तब उसने पुलिस से मदद मांगी।
मां ने सुनाई सिपाही को अपनी दास्तां: बुजुर्ग मां की पीड़ा देख सिपाही विरेन्द्र सिंह ने पहले उन्हें अपनो हाथो खाना खिलाया। फिर उन्हें कुछ आर्थिक मदद भी दी। साथ ही चौकी प्रभारी बहादुरपुर अवनीश कुमार सिंह की अगुवाई में टीम तैयार कर उसे बुज़ुर्ग के गांव भेजा। उसके बेटे को बुला कर कड़ी फटकार लगाई। इस पर सौतेले बेटे ने अपनी मां के पैर छुए और माफी मांगी।