Reported By: Surendra nath Dwivedi
Published on: Feb 9, 2022 | 5:37 PM
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कुशीनगर। जनपद कुशीनगर में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता में सुमार राधेश्याम सिंह, नंदकिशोर मिश्रा व बालेश्वर यादव पर पार्टी ने 2022 के विधान सभा चुनाव में भरोसा नही जताया है। जबकि अपने संघर्षो के बल पर इन नेताओं ने जनता के दिलो में अपनी पहचान/स्थान बनाया है। जनता को भी यह भरोसा था कि इन नेताओं को यदि टिकट मिला तो सत्ताधारी पार्टी को उन सीटों पर कड़ा मुकाबला व हार जैसी शिकस्त हो सकती है, लेकिन पार्टी ने तो इन नेताओं को मनचाहे जगह टिकट न देकर दूसरी पार्टी के प्रत्याशियों को वाकओवर दे दिया है। जिससे इन नेताओं को चाहने वाले लगभग 30 से 40 हजार समर्थकों में मायूसी छा गई है। लेकिन समाजवादी पार्टी ने हाटा विधानसभा से सपा सरकार में मंत्री रहे राधेश्याम सिंह के पुत्र मोहन बाबू पर भरोसा करते हुये अपना प्रत्याशी बनाया है।
काविलेगौर हो कि पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के समय से पार्टी के मिनी मुख्यमंत्री कहे जाने वाले बालेश्वर यादव अपने संघर्षों के दम पर पूर्वांचल सहित बिहार में भी अपनी पहचान बनाई है। कहते है कि मुलायम सिंह के बाद कोई नाम पूर्वांचल में पार्टी के निष्ठा का था तो वह नाम बालेश्वर यादव का ही था। कहा जाता है कि एक दशक में राजनैतिक हवाएं खूब बही लेकिन बालेश्वर की निष्ठा पर सवाल नही खड़ा हो सका। वही किसानों के गन्ना समस्या की गोद से निकले नेता राधेश्याम सिंह उत्तर-प्रदेश में किसान नेता के नाम से जाना जाता है। पूर्वांचल के बच्चा-बच्चा राधेश्याम के संघर्ष के जीवन से रूबरू है। कहा जाता है कि जब राधेश्याम किसी आंदोलन में शरीक होने के लिए अपना कदम घर से बाहर निकालते है तो शासन प्रशासन की नीद उड़ जाती है। चर्चा है कि पार्टी से अलग इस किसान नेता के पास भारी समर्थकों की संख्या है। जिसका रुख राधेश्याम के एक इशारे से कही भी मुड़ जाता है। तमकुही राज के बेटे के नाम से जाने जाने वाले नंदकिशोर मिश्रा जुझारू नेता के नाम से पूरे जनपद में जाने जाते है। अपने संघर्षों के दम पर जनपद में एक अलग पहचान बनाने वाले नेता नंदकिशोर पर समाजवादी पार्टी ने भरोसा नहीं जताया है। कहा जाता रहा है कि यदि सपा के टिकट पर नंदकिशोर मैदान में रहे तो हराना किसी भी पार्टी के लिए काफी मुश्किल होगा। बताते चले कि पडरौना से पूर्व सांसद बालेश्वर यादव ने अपने पुत्र बबलू यादव के लिए पार्टी से टिकट की मांग की थी, जबकि कुशीनगर से पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह ने भी टिकट की दावेदारी प्रस्तुत की। वही नंदकिशोर मिश्रा तमकुहीराज से टिकट की दावेदारी कर रहे है। इन तीनों का टिकट न मिलना कुशीनगर सहित पूर्ववाचल में चर्चा का विषय बन गया। हाटा से समाजवादी पार्टी ने राधेश्याम सिंह के पुत्र को टिकट दिया है। जब की पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह ने कुशीनगर विधानसभा से टिकट के लिये प्रयासरत बताया जाते रहे।ऐसा में समाजवादी पार्टी की लड़ाई अब इन कद्दावर नेताओं के रुख पर भी निर्भर करती है। अब यह देखने वाली बात होगी कि इन सभी के द्वारा क्या निर्णय लिया जाता है।
Topics: अड्डा ब्रेकिंग कसया तमकुहीराज हाटा