Reported By: सुनील नीलम
Published on: Feb 20, 2025 | 8:03 PM
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तुर्कपट्टी/कुशीनगर।तमकुही विकास खंड के ग्राम पंचायत राजापाकड़ के शिवाला टोला मे 120 वर्ष पूर्व स्थापित शिवमंदिर परिसर में वर्ष 1965 से लगने वाले महाशिवारात्रि मेला के निमित्त आयोजित 11 दिवसीय श्री श्री 1008 श्री रामचरित मानस नवाह परायण महायज्ञ के चौथे दिन व कथा प्रवचन के दूसरे दिन बुधवार की सायं अयोध्याधाम से पधारे कथावाचक गायत्री नंदन महाराज ने भगवान शिव के त्याग का बखान किया।
कथावाचक ने कहा कि राम कौन हैं यही जानने के लिए कई वर्षों से कथाओं का आयोजन किया जाता है। इसी प्रश्न से राम कथा शुरू होती है लेकिन राम को वहीं जान सकता है जिसके जीवन में शिव जैसा त्याग होगा। दिन के सत्र मे प्रेमशरण जी महाराज ने कहा कि रामराज्य की परिकल्पना का प्रथम नागरिक केवट है। जिसे जीवन में किसी वस्तु की अथवा किसी कोई भी कामना जिसके जीवन में शेष नहीं रह गई और केवट भगवान के पैर पकड़ कर कहता है कि अब मुझे कुछ और नहीं चाहिए। केवट ने बड़े ही भाव से भगवान की सेवा करें करके चरण धुला करके और भगवान को गंगा पर उतरता है। इसके पूर्व कथा का शुभारंभ कुशीनगर महोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष विनय राय, संजय सिंह, भास्कर पांडेय, मुकेश यादव, रवींद्र यादव, अभिषेक उर्फ आनंद यादव, रवि वर्मा, ईश्वर चंद गुप्त ने व्यास पीठ का पूजन कर किया। संचालन पं. दीपक मिश्र ने किया। रागिनी यादव ने 12 घंटे यज्ञशाला की परिक्रमा की।
इस दौरान आयोजक हरिदास महाराज, यज्ञ समिति के अध्यक्ष राजू यादव, सत्यनारायण यादव, दिनेश्वर यादव, छोटे ठाकुर, हरेंद्र यादव, भवानी कुशवाहा, पुजारी सुनील मिश्र, संजय मिश्र, गोरख यादव, धर्मराज, हरिलाल गोंड, तूफानी यादव, नवलकिशोर आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।
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