Reported By: Surendra nath Dwivedi
Published on: Oct 16, 2024 | 4:04 PM
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कुशीनगर। उतर प्रदेश बिहार सीमा पर जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा शराब तस्करी को रोकने के लिए दवा किया जा रहा है। वहीं अवैध शराब की तस्करी के खेल को लेकर आम लोगों द्वारा आरोप प्रत्यारोप भी लगया जा रहा है। साथ ही अवैध तस्करी पर पूरी तरह अंकुश लगाने का जिम्मा सम्भाल रहे नेशनल हाईवे 28 पर पर स्थित बहादुरपुर पुलिस चौकी केवल खानापूर्ति करने में लगी है। पुलिस चौकी पर तैनात मातहत आराम फरमाने में लगे हैं। और शराब तस्कर दिन के उजाले में अपने कामों के अंजाम देने में लगे हैं। मगर बिहार पुलिस व उत्पाद विभाग द्वारा प्रतिदिन की जा रही अवैध शराब की बरामदगी ने यूपी पुलिस की कार्यशैली की पोल खोल कर रख दिया है।
उल्लेखनीय हो की बिहार प्रान्त में शराब बंदी के बाद लगातार शराब का डिमांड बढ़ती जा रही है। जिसके वजह से शराब की खपत बाडर्र पर ज्यादा बढ़ गया है। और इस अवैध कारोबार में हाथ आजमा रहे कारोबारी अपने कारोबार में आ रहे रुकावट का सामना न हो इस लिए हर युक्ति अपना रहे है। जानकारों का मानना है कि अवैध शराब की खेप पहले की तरह अब भी बार्डर पर पहुँच रहा है। और पुलिस अधिकारी बाहरी कारोबारियों तक पहुँचने के लिए जाल बिछा रहें है तो वहीं कुछ दागदार पुलिस कर्मी अपने ही विभाग के जाल को भेदने में तस्करों के मददगार भी साबित हो रहे है। जिसका प्रमाण है कि यूपी बाडर्र से मात्र दो किलोमीटर दूर पर बिहार के उत्पाद विभाग व पुलिस द्वारा लगातार बड़ी बड़ी बरामदगी कर रही है। और छोटी बरामदगी तो बिहार के लिए रोजमर्रा का कार्य हो चुका है। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर यह अवैध शराब किस तरह यूपी के बिहार सीमा पर स्थित बहादुरपुर पुलिस चौकी के नाक के नीचे से बिहार निकल जा रही है। और बिहार के उत्पाद विभाग और पुलिस के हाथ लग जाता है। जो अपने आप में एक बड़ा सवाल है। यूपी पुलिस पर आम जनमानस में कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जानकर बताते हैं कि सीमा पर स्थित चौकी पुलिस केवल खानापूर्ति करने में लगीं हुईं हैं। बिहार सीमा से जुड़े सूत्र बताते है कि अवैध शराब का कारोबार के पीछे पुलिस विभाग के हाथ भी जुड़े हैं। जिसके वजह से शराब तस्करी का खेल फल फूल रहा है। और यही वजह है कि यूपी के आबकारी विभाग के साथ यूपी पुलिस के हाथ अवैध शराब की खेप नहीं लग रहा है। जिससे शराब तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बहरहाल जो भी हो आज कल फिर एक बार शराब तस्करी पूरे शबाब पर है। और जिम्मेदार तस्करी नहीं होने का दावा करने में लगें हैं। लेकिन बगल के बिहार के उत्पाद विभाग द्वारा की जा रही कार्रवाई पर एक नजर देखा जाय तो सब साफ दिखाई दे रहा है कि किस तरह शराब की तस्करी हो रही है। जब इस संबंध में पुलिस अधीक्षक कुशीनगर संतोष कुमार मिश्र के सरकारी मोबाइल पर बात करने का प्रयास किया गया तो मोबाइल नेटवर्क से बाहर बता रहा था। जिसके वजह से कोई सटिक जानकारी नहीं मिली।
उत्तर प्रदेश बिहार सीमा के बगल में स्थित कुचायकोट थाना क्षेत्र के बलथरी चेक पोस्ट पर पिछले दो महीने में चार ट्रकों से 270 ड्रमों से लगभग 50800 लीटर अवैध स्प्रिट कुचायकोट पुलिस द्वारा पकड़ा गया है। रहा शराब बरामद की बात तो उक्त चेकपोस्ट पर लगभग पचास हजार लीटर अवैध शराब भी बरामद हुए हैं।जिसमें लगभग दर्जनों अभियुक्तों को पुलिस द्वारा जेल भी भेजा गया है। लेकिन यूपी सीमा पर स्थित पुलिस चौकी बहादुरपुर द्वारा लगभग आज दो माह बीतने के बाद भी कोई बड़ी बरामदगी नहीं होना अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। जब की उत्तर प्रदेश सीमा से मात्र कुछ ही दूरी पर बिहार में प्रत्येक दिन होती है अवैध शराब की बरामदगी।
यूपी बिहार सीमा से सटे जनपद गोपालगंज के जादोपुर, विशमभरपुर, कुचायकोट के थानाध्यक्ष के सम्बन्ध में पिछले हफ्ते पकड़े गया एक कुख्यात शराब तस्कर मुकेश यादव ने शराब तस्करी के मामले में जो पुलिस को जानकारी दी है। वह चौंकाने वाली जानकारी जब पुलिस अधीक्षक गोपालगंज अवधेश कुमार दिक्षित को मिली तो तत्काल प्रभाव से सोमवार की रात्रि में यूपी बिहार सीमा से सटे तीन थानाध्यक्ष पिंटू कुमार, मनोज कुमार, सुनील कुमार को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया है जिसके बाद से महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। जानकार बताते हैं कि पकड़ा गया कुख्यात शराब तस्कर ने यूपी सीमा से शराब तस्करी की बात को स्वीकार करते हुए यूपी पुलिस की कुछ खास इनपुट को पकड़े जाने के बाद पुलिस को बताया है। जिसको लेकर यूपी पुलिस में भी हलचल तेज हो गया है। बहरहाल जो भी हो शराब तस्करी का कनेक्शन को लेकर गोपालगंज एसपी एक्शन मूड में दिखाई दे रहे हैं। जिसमें यूपी पुलिस भी जांच के रडार पर है।
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