

- सरदार पटेल एकीकरण और अखंडता के प्रतीक थे -शादाब
कसया/कुशीनगर। राजकीय बौद्ध संग्रहालय कुशीनगर में मंगलवार क़ो आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती ‘ राष्ट्रीय एकता दिवस’ के अवसर पर ” सरदार पटेल एकीकरण के शिल्पी” विषयक छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
प्रदर्शनी का शुभारंभ मुख्य अतिथि शादाब खान संरक्षक सहायक, भारतीय पुरातत्व विभाग, कुशीनगर द्वारा किया गया । इस अवसर पर मुख्य अतिथि के द्वारा दीप प्रज्वलित कर सरदार वल्लभभाई पटेल जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पार्चन किया। प्रदर्शनी में सरदार पटेल के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को छायाचित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है।उक्त प्रदर्शनी में सरदार पटेल का बचपन, कानून के छात्र के रुप में, पैतृक गृह, परिवार के साथ, खेड़ा आंदोलन, बारदोली सत्याग्रह, गांधी जी के साथ बैठक, कराची अधिवेशन, राज्यों का विलय,एकीकरण और पुनर्गठन में उनकी भूमिका, उनके पार्थिव शरीर व अंतिम यात्रा आदि को छायाचित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शनी का अवलोकन करने के बाद मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में कहा कि सरदार पटेल एकीकरण और अखंडता के प्रतीक तथा एक राजनीतिक और सामाजिक नेता थे।उनके दूरदृष्टि व बहुमुखी नेतृत्व से भारत की एकता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के द्वारा राष्ट्र की एकता , अखंडता बनाए रखने के लिए आए हुए छात्र- छात्राओं एवं दर्शकों को प्रेरित किया गया।अतिथियों का स्वागत एवं आभार तेज प्रताप शुक्ला ने किया ।
उक्त अवसर पर विद्यालयों के छात्र-छात्रायें, श्रवण कुशवाहा, धीरेंद्र मिश्रा, महेश कानु, गोविन्द, मीरचंद, जितेन्द्र, अरविन्द, हरिश्चन्द्र नितेश,आदि उपस्थित रहे। उक्त प्रदर्शनी दिनांक 18 नवम्बर तक प्रत्येक कार्यदिवसों में जनसामान्य के अवलोकनार्थ हेतु जारी रहेगी।